भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार ने बैंकों से लोन लेने वाले करोड़ों लोगों के लिए दो बड़ी राहत भरी खबरें घोषित की हैं। यह निर्णय उन सभी लोन लेने वालों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा जिन्होंने एसबीआई, पीएनबी, कैनरा बैंक या किसी अन्य सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंक से विभिन्न प्रकार के ऋण ले रखे हैं। यह कदम देश में ऋण लेने वालों की बढ़ती कठिनाइयों को देखते हुए उठाया गया है।
पहली बड़ी खबर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से आई है जहां रेपो दर में संशोधन किया गया है। इस संशोधन का सीधा असर ऋणों की ब्याज दरों पर पड़ेगा। आरबीआई की इस नई नीति के तहत अब बैंकों द्वारा लोन पर लगाए जाने वाले ब्याज दरों में कमी की उम्मीद की जा रही है। इससे होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और अन्य तरह के ऋणों की मासिक किस्तों में कमी आने की संभावना है। यह निर्णय मौद्रिक नीति समिति की हालिया बैठक के बाद लिया गया है।
दूसरी बड़ी खबर केंद्र सरकार की ओर से आई है जहां ऋण पुनर्गठन और ऋण माफी से संबंधित नई योजनाओं की घोषणा की गई है। मोदी सरकार ने कोविड-19 के बाद के दौर में ऋण से जूझ रहे लोगों के लिए विशेष राहत पैकेज जारी किया है। इसके तहत छोटे और सीमांत किसानों, एमएसएमई क्षेत्र और शिक्षा ऋण लेने वाले युवाओं के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। सरकार ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे ऋण चुकौती में कठिनाई का सामना कर रहे ग्राहकों के लिए अधिक लचीला रवैया अपनाएं।
इन दोनों निर्णयों का समन्वित प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक रूप से पड़ेगा। आरबीआई की नीति से ऋण सस्ता होगा जबकि सरकार की योजनाओं से ऋण चुकौती आसान होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल मौजूदा ऋण लेने वालों के लिए राहत लाएगा बल्कि नए ऋण लेने वालों के लिए भी अनुकूल वातावरण तैयार करेगा। सभी बैंक ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने संबंधित बैंकों से इन नई योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।